अनुपमा की पराग से मुलाकात: अनुपमा जानकी को बताती है कि पराग कोठारी ने उसे एक निजी मुलाकात के लिए बुलाया है, और उसे यह बात किसी को न बताने की हिदायत दी है।
जानकी की अटकलें: जानकी का सुझाव है कि पराग शायद निजी तौर पर माफ़ी मांगना चाहेगा या शायद उनका खाना चखने के बाद कोई नया ऑर्डर दे।
अनुपमा की शंकाएँ: अनुपमा को संदेह है, उसे लगता है कि पराग का अहंकार उसे खुले तौर पर माफ़ी मांगने की अनुमति नहीं देगा।
अनुपमा की बेचैनी: पराग के बारे में अपने विचारों के कारण आराम करने में असमर्थ, अनुपमा अपने तनाव को कम करने के लिए मसाला पीसने में लग जाती है।
पराग का चिंतन: पराग अपने बेटे प्रेम के साथ बीते पलों को याद करता है, अपने करीबी रिश्ते और प्रेम की इच्छाओं को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
पारिवारिक चिंताएँ: ख्याति प्रेम को लेकर पराग की परेशानी को देखती है, जबकि मोती बा प्रेम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए अनुपमा और राही को दोषी ठहराती है, और कहती है कि उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।
मिलने का स्थान: अनुपमा एक चट्टान पर पराग से मिलती है, जहाँ वह अपना नाम चिल्लाती है, और उसे मुक्ति का अहसास होता है क्योंकि यह आवाज़ वापस गूंजती है।
पराग का परिचय: पराग अनुपमा के पास जाता है और कहता है कि वह "डायमंड किंग" के रूप में नहीं, बल्कि एक पिता के रूप में आया है, जिससे वह भ्रमित हो जाती है।
शाह परिवार की जिज्ञासा: घर वापस आकर, तोशु और बा अनुपमा के जल्दी चले जाने पर ध्यान देते हैं और उसके ठिकाने के बारे में अटकलें लगाते हैं, तोशु को संदेह होता है कि वह कोठारियों के पास गई होगी।
प्रेम की पहचान का खुलासा: बातचीत के दौरान, अनुपमा को पता चलता है कि प्रेम पराग का बेटा है, जिससे वह चौंक जाती है और उन घटनाओं को याद करती है जहाँ प्रेम ने अपनी असली पहचान छिपाई थी।
पराग के आरोप: पराग ने अनुपमा पर प्रेम की पहचान के बारे में जानने का आरोप लगाया और कहा कि वह प्रेम के माध्यम से अपनी स्थिति को ऊपर उठाने का लक्ष्य रखने वाली एक सोने की खोदने वाली है।
प्रेम की दुविधा: प्रेम राही के सामने अपनी असली पहचान कबूल करने का प्रयास करता है, लेकिन नतीजों के डर से और किसी और से पता चलने से पहले उसे बताने की उम्मीद में हिचकिचाता है।